पर्सनालिटी और उसको विकसित करने के तरीके

 पर्सनालिटी का अर्थ होता है 'व्यक्तित्व' |पर्सनालिटी का मतलब होता है हम कैसे बात करते हैं, हम कैसे बोलते हैं, हम कैसे चलते हैं, यह सब पर्सनालिटी में आता है|

पर्सनालिटी विकसित करने के निम्नलिखित तरीके हैं :-

पर्सनालिटी को विकसित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने 'चलने के ढंग' को बदलना होता है, यदि हम किसी के सामने जाते हैं और अच्छे ढंग से चलते हैं तो हमारा अच्छा प्रभाव पड़ता है| इसलिए पर्सनैलिटी विकसित करने का सबसे पहला पड़ाव 'चाल-चलन' होता है|

पर्सनालिटी को विकसित करने का दूसरा पड़ाव 'व्यवहार' होता है| यदि हम किसी साथ अच्छे से व्यवहार करते हैं, तो उसे भी अच्छा लगता है| वह आपकी तारीफ ही कर सकता है आपकी व्यवहार देखकर, इसलिए पर्सनालिटी विकसित करने में 'व्यवहार' दूसरा पड़ाव होता है| 

पर्सनालिटी को विकसित करने का तीसरा पड़ाव आपका 'बोल-चाल' होता है| आप किसी के सामने कैसे बोलते हैं, यह बहुत महत्व रखता है| यदि आप किसी के सामने अच्छे से बोलते हैं, तो वह आपके साथ भी अच्छे से ही बात करेगा इसलिए 'बोल-चाल' पर्सनालिटी विकसित का तीसरा पड़ाव होता है|

पर्सनालिटी को विकसित करने का चौथा पड़ाव 'बर्ताव' है| आप यदि किसी के साथ का अच्छा बर्ताव करते हैं और आप उससे अच्छे से पेश आते हैं, तो आपके साथ भी वाह अच्छा ही बर्ताव करेगा, इसलिए यह आपका चौथा पड़ाव है पर्सनालिटी विकसित करने के लिए|

पर्सनालिटी को विकसित करने का सबसे आसान और पांचवा पड़ाव 'अनुशासन' है| अनुशासन के बिना कोई भी पर्सनालिटी की विकसित हुई सकता है, इसीलिए अनुशासन सबसे जरूरी तत्व है| यदि आप अनुशासन के साथ रहते हैं, तो आपका सभी तारीफ करेंगे और आपको अच्छी नजर से ही देखेंगे इसलिए अनुशासन से जरूरी है|

इन सभी पांचो तकनीक को यदि हम अच्छे से अभ्यास करें और सभी को अपने जीवन में अपना ले, तो हमारा व्यक्तित्व अपने आप विकसित हो जाएगा| हमारा पर्सनालिटी अच्छे से विकसित हो जाएगा|

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