"प्रकृति का वरदान"

सभी जीवन का उत्पत्ति के लिए प्रकृति का सबसे बड़ा योगदान रहा है| प्रकृति ने सिर्फ इंसान को दिया है, उसने कुछ लिया नहीं है| ईश्वर ने समस्त जीव को प्रकृति स्वरूप वरदान दिया है|

प्रकृति को भारत में मां का दर्जा दिया है| प्रकृति को मां पार्वती का स्वरूप माना गया है| मां पार्वती भगवान शिव की अर्धांगिनी है| भगवान शिव त्रिदेव में से एक है और मां पार्वती आदिशक्ति है|

प्रकृति ने हमें सिर्फ दिया है, उनसे कुछ लिया नहीं है| हमने हमेशा प्रकृति को नुकसान ही पहुंचा है, हमें जिस हिसाब से जरूरत पड़ा हमने प्रकृति को वैसे इस्तेमाल किया| हमें घर की आवश्यकता पड़ी हमने पेड़ों को काट दिया, जिससे पेड़ों की संख्या कम हो गई और चारों तरफ ग्लोबल वार्मिंग फैलने लगा| पेड़ों की संख्या कम होने से चारों तरफ बारिश की कमी होने लगी, जिससे सूखा भी पढ़ने लगा| हम जितना प्रकृति को नुकसान करते हैं, उतना ही हमें नुकसान होता है क्योंकि प्रकृति ने हमें सिर्फ दिया है, हमसे कुछ नहीं लिया| लेकिन जब प्रकृति को हम नुकसान पहुंचाएंगे, तो नुकसान हमारा ही होगा इसलिए प्रकृति का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए उसका सदुपयोग करना चाहिए|

प्रकृति तो त्याग की मूरत है| हम जितना उससे लेते हैं, वह उतना ही हमें देता है| लेकिन हम लेने का सीमा ही पार कर देते हैं| हम जितना चाहते हैं उतना मनमर्जी प्रकृति से लेते हैं|हमने चारों तरफ कारखाने बनवाएं और उसका गंदगी हमने नदी में छोड़ा, जिससे नदी प्रदूषित हो गया है, तो भी उसका सीधा असर हम पर पड़ता है क्योंकि पानी प्रदूषित हो जाता है, जिससे खेत की सिंचाई नहीं हो पाती है| पीने का पानी जो नदी से आता है वह भी प्रदूषित हो जाता है जिससे पीने का पानी का कमी होता है इसलिए इसका सीधा तो हमको ही पड़ता है, इसलिए प्रकृति का सदुपयोग करना चाहिए|

प्रकृति ने हमें क्या नहीं दिया है? प्रकृति ने हमें भोजन दिया, तन ढकने के लिए कपड़ा दिया, यहां तक कि मकान बनाने के लकड़ी दिया, फिर भी हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हैं| हम लोग को जितना आवश्यकता पड़ती है, उतना ही पेड़ काटते हैं, जिसके कारण ग्लोबल वॉर्मिंग ज्यादा फैलता है|

ईश्वर ने प्रकृति के रूप में हमें एक वरदान ही दिया है| प्रकृति का हमें सम्मान करना चाहिए| कभी उसको नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए| हमें सब कुछ समझाना चाहिए कि प्रकृति हमारी मां है, उनको नुकसान पहुंचाने से हमारा ही नुकसान होगा| हमें प्रकृति को बचाने के लिए जागरूकता फैलाना चाहिए और सभी को समझाना चाहिए कि पेड़ नहीं काटना चाहिए क्योंकि प्रकृति हमारी मां है, हमने मां को सम्मान करना चाहिए|

बिना प्रकृति के जीवन संभव नहीं हो पाता| प्रकृति ने हमें क्या कुछ नहीं दिया है, इसीलिए प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और उनकी रक्षा करना चाहिए|

धन्यवाद!

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